Patna: सोमवार से बिहार का बजट सत्र शुरू हो चुका है। जहां बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वित्तमंत्री सुशील मोदी ने सदन में दो लाख करोड़ का बिहार का बजट पेश किया। जहां इस बार सबसे ज्यादा खर्च शिक्षा मद में किया गया है। नीतीश सरकार ने शिक्षा मद में 20309 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
तो वहीं कुल पूंजीगत व्यय 45 हज़ार 270 करोड़ रुपए हैं। वेतन पेंशन एवं ब्याज भुगतान पर 88 हज़ार 188 करोड़ व्यय किए जाएंगे। सूखाग्रस्त इलाके के किसानों के लिए 1420 करोड़ का अनुदान और 18 लाख 66 हजार किसानों को डीजल अनुदान दिया जाएगा। साथ ही इस दौरान उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने विधानमंडल में बजट पेश करते हुए घोषणा किया कि राज्य में 11 नए मेडिकल कॉलेज खोले जायेंगे। सितम्बर 2019 तक सभी थाने पूर्ण रूप से कंप्यूटरिकृत हो जायेंगे। बजट में सूखाग्रस्त किसानों के लिए सरकार ने 1420 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। सिचाई हेतु 75 पैसा प्रति यूनिट की दर से बिजली उपलब्ध कराई जायेगी। 18 लाख 66 हज़ार किसानों कोमिलेगा डीजल अनुदान। अब तक 13 लाख 73 हज़ार किसानो को मिला अनुदान। उन्होंने जानकारी दी कि अब तक 6105 पंचायतों में ओप्टिकल फाइबर बिछाया गया है। साइकिल की राशि 3 हज़ार रुपये प्रति साइकिल कर दी गई है।
उधर बिहार सदन में बजट पेश होने से पहले विधानसभा के बाहर विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया। जिसके बाद सदन के अंदर भी माहौल गर्म होने के आसार हैं। बजट सत्र को लेकर सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विपक्षी दलों का हंगामा शुरू हो चुका है। सत्र शुरू होने से पहले विपक्षी दलों के नेता अपने हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर बिहार विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करते नजर आए। विपक्षी दलों में वाम दल ने न्यूनतम मजदूरी की मांग को लेकर हंगामा किया। वहीं राजद सदस्य लॉ एंड ऑर्डर को लेकर नारेबाजी की।
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